Tuesday, April 29, 2008

हम किससे कहें?

शेर इंकलाबी वो पढ़ते रहे..
मंच पर से वो ही गरजते रहे...
वो भी डरते रहे..और
हम भी डरते रहे...
यह व्यथा है..हमारी..
हम किससे कहें???.