Monday, July 21, 2008

जनक कौन?

बढ़ती आबादी

की

सहानुभूतिराहित
समवेदनाशून्य प्रवृतियाँ,

विषम सामाजिक परिस्थियाँ

और

सामूहिक भृष्टाचार

क्या यही

अपराधों
एवं
दुष्कर्मों

का

जनक नहीं??

Thursday, July 17, 2008

मोहल्ला और कविता

कुंठा से मन कडुवाया..
शब्दों ने आकार लिया..
ओह!
शायद कविता रच गई..


अब कुछ गोड़ पसार लें..
तम्बाखू खंगार लें..
मोहल्ले के नुक्कड़ वाली
पनवाड़ी की दुकान पर
शाम को बतियायेंगे
इस कविता को सुनायेंगे...


मोहल्ले के तो हम मुन्नु हैं
कौन बूझता है
हमारा कवि वाला नाम?


खुद विवाद उठायेंगे कविता पर..
खूब गाली बकेंगे
दूसरे साथ देंगे..


विवाद और कोहराम होगा..
कवि बदनाम होगा..


कवि और कविता का नाम होगा..
जल्द ही हाथों मे इनाम होगा!!

Wednesday, July 16, 2008

हाय!! मेरा भारत महान!

एक दूसरे को पीछे खींचते...
एक दूसरे को नीचे दिखाते...


दूसरों को दुखी देख
खुशी मनाते लोग...
नज़र से बचने चुपचाप
खुशी मनाते लोग...


अपने से ज्यादा
दूसरों मे तल्लीन..
सामने वाले की
सफलता पर गमगीन..


आपस में परेशान
कुंठा में
धरती को बनाते पीकदान...


एक आँख बँद किये
सोने में भी नाहक हैरान..
दोनों आँखों का बंद होना
याने
अब ठौर है शमशान...


हाय!! मेरा भारत महान!