Sunday, July 18, 2010

पतन


एक बार
बस
एक बार

कुछ ढीला
छोड़ दिया था
खुद को..

गिरी......

और फिर

पतन
की
कोई सीमा न रही!!!

Sunday, July 4, 2010

भ्रूण हत्या!!

नहीं चाहिये मुझे

तुम्हारी बराबरी का दर्जा

नहीं चाहिये मुझे

कोई सम्मान

नहीं चाहिये मुझे

रुपया पैसा...

मगर

मुझे इन सब के बदले

बस

और केवल

बस

जीने का अधिकार दे दो!!

मुझे मेरा परिवार दे दो!!