
धुनी कपास की बनी
पोनी को चरखे पर कात
बनाई थी खादी की
एक सफेद चादर
कुछ चूहे मिलकर
कुतरते रहे रात दिन
उसे सन ४७ से
और आज
छोटी छोटी कतरनों का ढेर
लगने लगा है जैसे
कच्ची कपास
उसे धुनना होगा
एक नई चादर
फिर से बुनना होगा.
*
-स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनायें-
21 comments:
... सुन्दर व प्रसंशनीय रचना !!!
अत्यंत सुन्दर अभिव्यक्ति
चादर जो बुनी गयी है चूहे कुतरेंगे ही गर उनकी संभाल नहीं होगी तो ..
पर सम्भालने का जिम्मा भी सौंपा गया है उन्हीं चूहों पर.
बेहतरीन
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!!
आजादी के दिन की बधाईयाँ
१५ अगस्त के संदर्भ में - वन्दे मातरम और स्वतंत्रता दिवस के सही मायने क्या हम नई पीढ़ी तक पहुँचा पा रहे हैं ? [On the occasion of 15th August….]
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ ..
आपकी बात कुछ हद तक ठीक है
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!!
सिर्फ़ चूहे ही नहीं, दीमक भी...
आपको भी स्वाधीनता दिवस की बहुत शुभकामना, जय हिंद!
अत्यंत सुन्दर अभिव्यक्ति
स्वतंत्रता दिवस की अनेक शुभकामनाएँ.....
सुन्दर है। बहुत सुन्दर!
जब-जब चूहे काटें, तब-तब बुननी होगी.
...उम्दा भाव,अच्छी कविता.
बहुत सटीक अभिव्यक्ति....
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनायें
हम चूहे बनना जिस दिन छोड़ देंगे उस दिन हमें असली आजादी मिलेगी।
अच्छा लिखा है.
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
सादर
समीर लाल
कम शब्दों में बड़ी और गहरी बात कही है आपने.
बहुत सही कहा आपने.. उम्दा प्रस्तुति !!
अत्यंत सुन्दर अभिव्यक्ति
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
अत्यंत सुन्दर अभिव्यक्ति
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
आपने बहुत अच्छी बात कही है, लेकिन इन चादरों को अब पुरानी शक्ल में लाना वर्तमान परिवेश में संभव नहीं दिखता।
अत्यंत सुन्दर अभिव्यक्ति..!
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